संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा हैं। आज विश्व की अनेक भाषाओ में इनका अनुवाद प्रकाशित हो चुका है | इतनी भाषाओ में इन कहानियों का अनुवाद प्रकाशित होना ही इनकी लोकप्रियता का परिचायक है | पंचतंत्र की कहानियाँ बहुत जीवंत हैं। इनमे लोकव्यवहार को बहुत सरल तरीके से समझाया गया है। पंचतंत्र में न केवल मनुष्यों की कहानियाँ होते हैं बल्कि पशु पक्षियों की कहानियाँ भी शामिल हैं।हर एक कहानी में हमें सीख मिलता है जिसे बहुत रोचक तरीके में कहा गया है।